क्या अस्थमा की बीमारी के खतरनाक होने के पीछे कोरोना महामारी है| एक्सपर्ट से जाने?
भारत मे हर साल अस्थमा बीमारी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक प्रभावित करती हैं ,इस बीमारी का कोई सशक्त इलाज नहीं है, लेकिन उसे कंट्रोल किया जा सकता है आई डॉक्टर से इस बीमारी के बारे में जानते हैं|
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में अस्थमा के मामले हर साल बढ़ते जा रहे हैं| अस्थमा एक बीमारी है जिसमें सांस लेने में परेशानी होती है, और इसके मरीजों को खांसी और सीने में जकड़न ज्यादा होती है| अस्थमा के बारे में कई गलत धारणाएं हैं, जैसे कि यह केवल बच्चों में ही होता है, लेकिन वयस्कों में भी हो सकता है |इसका कोई इलाज नहीं है |लेकिन बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है|
ब्रोंकोडाइलेटर और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स इनहेलर अस्थमा को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं |कोरोना महामारी के बाद से अस्थमा की बीमारी की खतरनाकता के बारे में जानकारी भी जरूरी है|
डॉक्टर के मुताबिक वृद्धि करते प्रदूषण अन्य खराब खानपान आदतें और बीमारी के लक्षणों की जानकारी की कमी अस्थमा के मामलों को बढ़ा दे रही है | लोग शुरू में इसे एक सामान्य समस्या मानते हैं, लेकिन बाद में यह गंभीर हो जाती है ,अस्थमा के गंभीर मामलों में सांस लेने में समस्याएं हो सकती हैं ,इसे जेनेटिक कर्म के अलावा धुली जगह में रहने वाले और एलर्जी संबंधित व्यक्तियों को भी हो सकता है |यह बीमारी सिर्फ बच्चों को ही प्रभावित नहीं करती है|
आखिरकार क्यों बड़े कोरोना के बाद अस्थमा के मामले
शारदा हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर एंड मेडिसिन विभाग के डॉक्टर अंकित बता रहे हैं कि, कोविद-19 महामारी ने अस्थमा से पीड़ित व्यक्तियों को अनजाने मुश्किलों का सामना करना पड़ा है| कोरोना महामारी के दौरान अस्थमा रोगियों का उपचार विलंबित हो गया था, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ गई थी| कोविद के बाद अस्थमा के मामले में कोई स्पष्ट तालिका नहीं है, लेकिन यहां यह देखा जा रहा है कि मानसिक तनाव भी अस्थमा रोगियों की स्थिति को और अधिक बिगाड़ रहा है|
पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रतिभा डोगरा का कहना है, कि कोविद के बाद अस्थमा वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है| वह करती हैं कि कोविद और अस्थमा के बीच कोई संबंध अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है ,लेकिन अस्थमा के मरीजों को किसी भी वायरल संक्रमण से प्रेरित होने की संभावना है| इसका मतलब है, कि सांस की बीमारियों में वृद्धि के मामले में बढ़ावा होने पर अस्थमा वाले मरीजों पर भी इसका प्रभाव हो सकता है|
अस्थमा के मरीज अस्थमा से बचाव कैसे करें
अस्थमा के मरीज अपने इनहेलर को अपने साथ लेकर चलें धुएं और मिट्टी में जाने से बचे ,खानपान का सख्त ध्यान रखें ,अगर अस्थमा से रिलेटेड कोई लक्षण दिखे, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह ले|