इंसान से लेकर कुत्ते बिल्ली तक के होते हैं पांच ही उंगलियां, क्या है ,इसके पीछे का कारण!
मैमल्स का इवोल्यूशन
कुछ मामले जैसे की घोड़े और गए के पैर की उंगलियां खूर में बदल गई है , लेकिन फिर भी इंसान से लेकर कुत्ते बिल्ली तक के पांच उंगलियां ही पाई जाती है | इस तरह इवोल्यूशन के दौरान अलग-अलग प्रजातियों में जीवित रहने के लिए माहौल के हिसाब से बहुत सारे बदलाव हुए हैं|
मेरे पास कोई पालतू जानवर नहीं है , लेकिन मैंने सुना है कि कुत्तों और बिल्लियों के पंजों के पांच उंगलियां होती हैं |जैसे कि मनुष्य की हथेलियां में होता है , इस पैटर्न को समझने के लिए हमें इवोल्यूशन के बारे में थोड़ा जानना होगा| इस लड़ाई में विभिन्न प्रजातियां ने समय-समय पर परिस्थितियों के अनुरूप खुद को डाला है , जिससे उनके पंजों की संरचना में भी बदलाव आया है|
हां यह सच में अबतक का विषय है,कि कंगारू के पंजे हमारे हाथों के समान होते हैं |दूसरे मामल के पंजे भले ही कुछ सिकुड़ हो या अलग-अलग पोजीशन में हो लेकिन ज्यादातर मैमल्स के पांच उंगलियां होती हैं| यह विशेषता हम अपने पालतू और दूसरे जानवरों के साथ साझा करते हैं, भले ही हम अलग-अलग परिस्थितियों में विकसित हो|
मैमल्स|
मैमल्स यानी स्तनधारी जानवर एक समूह है ,जो अपने बच्चों को दूध पिलाते हैं| यह जानवर दुनिया भर में पाए जाते हैं और उनका आकार रंग और साइज विभिन्न होते हैं| उनकी अनोखी खूबियां उन्हें अन्य जानवरों से अलग बनाती है ,और इन्हें पृथ्वी पर सबसे सफल प्रजातियों मे से एक माना जाता है| इंसान कुत्ता बिल्ली गाय घोड़ा वाले आदि कुछ मैमल्स के उदाहरण हैं|
चार्ल्स डार्विन की थ्योरी
स्कूलों में चार्ल्स डार्विन की थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन के बारे में पढ़ाया जाता है |इस थ्योरी में बताया गया है कि ,इंसान और जीव जंतुओं का इवोल्यूशन हुआ है और हम सभी के पूर्वज एक ही हैं |डार्विन के विचारों के अनुसार हर प्रजाति चाहे वह इंसान हो पेड़ पौधे हो या जानवर हो सभी एक दूसरे से संबंधित हैं| वह मानते थे कि समय के साथ हमारा विकास होता है और आवश्यकताओं के अनुसार हमारे अंदर बदलाव होते हैं|
मैमल्स के पांच उंगलियों का राज
मैमल्स की पांच उंगलियों का मूल कारण टेट्रपद वर्टेब्रेट्स की पांच उंगलियों से है , जिन्हें चार पैरों वाले ग्रीक शब्द से जाना जाता है| मैमल सुपर क्लास टेट्रापोड़ से संबंधित है , जिसमें रेप्टाइल एंफीबियंस और पक्षी भी शामिल हैं | कुछ मैमल्स जिनके पैर नहीं होते हैं ,उनके स्केलेटन में पांच उंगलियां होती हैं |जैसे कि विल सेल और समुद्री शेरों के फिलिपर्स में पांच उंगलियां होती हैं, भले ही उनके पैर में चार या उससे कम उंगलियां हो|
हाहालांकि कुछ मैमल्स जैसे घोड़े के सिर्फ एक उंगली होती है, जिसे खूर कहा जाता है गाए और भैंस के भी खूर होते हैं , पक्षियों के पंखों में आखिर में एक जुड़ी हुई उंगली की हड्डी होती है, हालांकि लाइव साइंस के मुताबिक वैज्ञानिकों ने पता लगाया है की, प्रेगनेंसी के दौरान यह जानवर भ्रूण के रूप में पांच उंगलियों के साथ विकसित होना शुरू होते हैं, लेकिन जन्म से पहले ही वह सिकुड़ जाते हैं |
हाक्स जीन है इसके पीछे का कारण!
जैसा की पेन टेस्ट के इवोल्यूशनरी बायोलॉजिस्ट थॉमस स्टीवर्ट ने कहा है| पांच उंगलियों की उत्पत्ति में हाक्स जिन का महत्वपूर्ण योगदान होता है , यह जीन प्रोटीन को इनकोड करते हैं ,जो दूसरे जिन की गतिविधि को नियंत्रित करते हैं |जिससे उन्हें सक्रिय या निष्क्रिय किया जा सकता है| हस जिन यह सुनिश्चित करते हैं कि जीव के अंग उचित स्थान पर विकसित हो क्योंकि यह विकास भ्रूण से होता है|
हाक्स जीन टेट्रापोड्स के स्केलेटन पार्ट के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं |यह जिन सोनिक हे योग जिन द्वारा उत्पन्न किए गए प्रोटीन को नियंत्रित करके एक दूसरे की गतिविधि को सक्रिय और निष्क्रिय करके टिशु के विकास में सहयोग देते है|
इस प्रक्रिया के माध्यम से उंगलियों की उत्पत्ति होती है |जीव के प्रकार के आधार पर यह उंगलियां विकसित हो सकती हैं ,या फिर वह अदृश्य हो सकती हैं |जहां उंगलियां होनी चाहिए वहां के सेल्स विस्तार कर जाते हैं , जिससे विभिन्न डिजिटल बनती हैं थॉमस स्टीवर्ट कहते हैं कि, यह वास्तव में कैसे होता है यह जानना बहुत ही कठिन है| इस सवाल को किसी वैज्ञानिक से पूछने पर विभिन्न उत्तर मिलते हैं इसलिए यह समझ पाना मुश्किल होता है|
पांच उंगलियों का उत्पत्ति कब हुआ ?
पांच उंगलियों की उत्पत्ति का विश्वसनीय जवाब मिलना कठिन है| थॉमस स्टीवर्ट के अनुसार पहले जानवर जिन्हें उंगलियां विकसित करने की जानकारी है| लगभग 36 करोड़ साल पहले मछली में विकसित हुए थे ,और उनकी आठ उंगलियां थी हालांकि अधिकांश जीवित टेट्रापोर्ट में पांच उंगलि योजना की प्राधान्य दिखाई देती है जो शायद एक होमोलॉजी है|
होमोलॉजी का अर्थ है कि, एक जैसा जीव या संरचना है जो उन जीवों के बीच साझा होता है |जीने के पूर्वज एक ही होते हैं सभी जीवाश्म टेट्रा पार्ट्स के सामान्य पूर्वजों की पांच उंगलियां वाली विकास की प्रक्रिया होती है ,और वह इस पैटर्न को अपने आने वाले पीडिया तक पहुंचाते हैं|
कैनलाइजेशन थ्योरी क्या है ?
एक समान पूर्वज से हमें पांच उंगलियों का होना बताता है ,लेकिन यह क्यों हुआ यह नहीं बताता थ्योरी कैनलाइजेशन इस तथ्य को व्याख्या करती है, कि समय के साथ एक जीन का खूबी अधिक स्थिर हो जाती है, और उसके म्यूटेशन की संभावना कम हो जाती है थॉमस स्टीवर्ट ने इसका उदाहरण सर्वाइकल वर्टेब्रेट्स से दिया है|
मैमल्स में लगभग हमेशा साथ वर्टेब्रेट्स होते हैं ,हालंकी यह संख्या किसी विशेष लाभ को प्रदान नहीं करती है |इस थ्योरी के अनुसार यदि यह संख्या लाखों वर्ष से अस्थाई है तो उसे बदलने का कोई कारण नहीं है|
हालांकि सभी शोधकर्ता कैनलाइजेशन की थ्योरी पर सहमत नहीं है| कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी सैंडी एगो के डेवलपमेंट जेनेसिस्ट किंबरली कॉपर के अनुसार पालीडेक्टाइल यह पांच से अधिक उंगलियों का होना मनुष्यों सहित कई मैमल्स के म्यूटेशन के रूप में हो सकता है|
ऐसे कई म्यूटेशन हो सकते हैं जो पाली डिटेल का कारण बनते हैं, लेकिन नेचर जर्नल में प्रकाशित हालिया अध्ययन में पाया गया है कि, सोनिक हेजहोग जिन में केवल एक न्यूक्लियोटाइड के म्यूटेशन के माध्यम से हो सकता है|
एक वजह जिन लिंकिंग भी हो सकती है !
किंबरले कॉपर उसे सवाल पर विचार करती हैं कि ,अगर यह सब इतना सरल है तो पॉलीडैक्टाइल प्रजातियां क्यों नहीं है |उन्होंने इसे एक इवोल्यूशनरी नुकसान के रूप में समझा है कुछ लोग इसे जिन लिंकेज के कारण मानते हैं|
जैसे-जैसे जिन लाखों सालों से विकसित होते हैं| कुछ दिनों के लिंक हो जाते हैं जिसका अर्थ है कि एक जीन को बदलने से स्वास्थ्य संबंधित गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन अब तक इस विषय में किसी के स्पष्ट प्रमाण नहीं आए हैं|
स्टीवर्ड कहते हैं कि हम 1 सरल सवाल पूछ सकते हैं, कि हमें 5 से अधिक उंगलियां क्यों नहीं मिलती और हमें लगता है, कि हमें एक सरल उत्तर मिल जाएगा लेकिन इस बात का जवाब गहरा है इसलिए यह सवाल हमें आकर्षित करता है|